राजगीर का इतिहास History of Rajgir राजगीर एक प्राचीन शहर है जो भारत देश के बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है जो आज के समय में अपने ऐतिहासिक महत्व और प्राकृतिक सुंदरता के लिए बहुत प्रसिद्ध है। राजगीर शहर प्राचीन भारत के महाजन पदों में से एक था जो मगध की राजधानी रहा हैं। और यह बौद्ध तथा जैन धर्म के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है यहां पर घूमने के लिए लोग अपने देश से ही नहीं बल्कि दूसरे देश से भी आते हैं क्योंकि बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग बहुत दूर-दूर से घूमने के लिए राजगीर आते जाते हैं। राजगीर पांच पहाड़ियों से घीरा हुआ शहर है
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राजगीर का इतिहास History of Rajgir
मगध की राजधानी
मगध साम्राज्य की प्राचीन राजधानी राजगीर था जिससे बाद में मौर्य साम्राज्य का उदय हुआ। इस साम्राज्य की शक्तिशाली राजाओं जैसे आजादशत्रु, बिम्बिसार, महापद्म नंद ने राजगीर शहर से शासन किया था।
बौद्ध धर्म का केंद्र
राजगीर को बौद्ध धर्म का केंद्र कहा जाता है क्योंकि यह बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है और यहां पर भगवान बुद्ध ने स्वयं कई बार प्रवास किया और कई उपदेश दिए और गृध्रकूट पहाड़ी पर बुद्ध के जीवन से जुड़ी हुई घटनाओं की साक्षी माना जाता है जो राजगीर में स्थित गिरी वृद्धि पर्वत पर है।
जैन धर्म का तीर्थस्थल
राजगीर जैन धर्म का एक तीर्थ स्थल है क्योंकि यहां पर जैन धर्म में के लोग भी बहुत ज्यादा आते हैं ऋषभदेव ने यहां पर तपस्या की थी जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर थे।
मध्यकाल और आधुनिक काल
मध्यकाल से ही राजगीर मुगल साम्राज्य के अधीन आया था, मुगल शासक के समय राजगीर में कई मस्जिद का निर्माण किया और 18वीं शताब्दी में राजगीर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के निरंतरण में आ चुकी थी और इस शहर का महत्व काफी घट गया था क्योंकि यहां पर ब्रिटिश सरकार का शासन चल रहा था भारत के स्वतंत्रता के बाद राजगीर में पर्यटन स्थल और धार्मिक की महत्व काफी तेजी से बढ़ने लगी और इस महत्व में लगातार वृद्धि होते चली आई आज के समय में राजगीर एक लोकप्रिय शायर बन चुका है जो अपने प्राचीन इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है यहां पर अलग-अलग धर्म से लोग आते हैं और राजगीर में घूमते हैं।
राजगीर का भूगोल
गिरी वृद्ध पर्वत
गिरी विरुद्ध पर्वत राजगीर का सबसे ऊंचा और बड़ा पर्वत है जहां से इस शहर का दृश्य काफी खूबसूरत और सुहाना दिखाई देता है इस पर्वत पर कई धार्मिक स्थल है जैसे गृध्रकूट पहाड़ी, बिम्बिसार का किला और इत्यादि धार्मिक स्थल यहां पर उपस्थित हैं जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है और यह पहाड़ी काफी दूर से दिखाई देती है जो देखने में हरी भरी दिखाई देती है।
वनगंग पर्वत
इस पर्वत का नाम गंगा नदी की सहायक नदी वन गंगा के नाम पर रखा गया है इस पर्वत पर भी बहुत सारे धार्मिक स्थल है जैसे जैन मंदिर, विष्णु मंदिर स्थित है इस मंदिर को पूरे भारत में जाना जाता है और यहां पर भारत से ही नहीं बल्कि विदेश से भी जैन धर्म के लोग और बुद्ध धर्म के लोग राजगीर घूमने के लिए आते हैं।
पंच पर्वत
यह पर्वत राजगीर शहर को घेरे हुए हैं और यह पर्वत पांच छोटे-छोटे पर्वतों का समूह है इन सभी पर्वतों पर भी कई धार्मिक स्थल और पर्यटन स्थल भी है इस पर्वत पर बुद्ध स्तूप और जैन मंदिर स्थित है।
राजगीर एक ऐसा शहर है जहां पर जलवायु उपोष्णकटिबंधीय है, इसका अर्थ यह होता है कि यहां पर गर्मियों में तापमान अधिक रहता है और सर्दियों में अधिक ठंडा होता है और मानसून के समय में यहां पर अच्छी बारिश हो जाती है और यहां का मौसम काफी सुहावना लगता है बारिश के समय में इन सभी पहाड़ियों पर जाने में और वहां जाकर आनंद लेने में काफी अच्छा लगता है इन सभी से इस शहर महत्व बढ़ रहा है।
राजगीर का प्रमुख स्थल
राजीव शहर में कई प्राचीन ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थल हैं जो अपनी ओर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं इन सभी पर्यटन स्थलों में से कई पर्यटन स्थल महत्वपूर्ण है जो निम्नलिखित प्रकार से है:
गृध्रकूट पहाड़ी
यह राजगीर में गिरी विरुद्ध पर्वत पर स्थित है और यहां से राजगीर का सुंदरता देखने में काफी सुहावना लगता है या पहाड़ी बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन चुका है क्योंकि इस पहाड़ी पर भगवान बुद्ध ने कई बार प्रवास किया था।
बिम्बिसार का किला
यह किला राजगढ़ शहर के गिरी विरुद्ध पर्वत पर स्थित है जो मगध साम्राज्य के राजा बिंबिसार द्वारा बनवाया गया किला है यह किला राजगीर के प्राचीन इतिहास में भी आता है जो आज के समय में एक महत्वपूर्ण किला है।
जैन मंदिर
इस शहर में कई जैन धर्म के मंदिर स्थित है जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है इनमें से कुछ प्रमुख मंदिरों में ऋषभदेव मंदिर और पार्श्वनाथ मंदिर शामिल है जो राजगीर के पर्यटन स्थल में एक बढ़ावा देता है।
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