Patan Devi Patna पटनदेवी मंदिर का ऐतिहासिक, धार्मिक पौराणिक महत्व और आध्यात्मिक Amazing 108 योगदान

Patan Devi Patna पटनदेवी मंदिर

बिहार राज्य के पटना जिले में यह मंदिर स्थित है इस मंदिर का इतिहास प्राचीन कालो तक जाता है मुख्य रूप से इस मंदिर में मां दुर्गा का पूजा पाठ किया जाता है हिंदू धर्म के वेदों और पुरानें में इस Patan Devi Patna पटनदेवी मंदिर का वर्णन मिलता है हिंदू ग्रंथ और स्थानीय लोगों का मानना है कि सती मां को ज्वलन कुंड में प्रवेश करने के बाद उनके शव को लेकर भोले बाबा तीनोंलोक में भ्रमण करने लगे जिसको देखकर भगवान हरि ने अपना चक्र चलाकर मां सती के शव के 51 टुकडे हो गय पटना की इस पवित्र भूमि पर मां सती का जाँघ गिरा और इस स्थान पर मां पटन देवी का मंदिर स्थापित किया।
यहां के स्थाई निवासी का कहना है कि यह मंदिर भारत में स्थित प्राचीन मंदिरों में से एक है, इस मंदिर का निर्माण कब और किसने कराया इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं मिलती है लेकिन यहां के निवासियों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण हजारों साल पहले हुआ है। आधुनिक इतिहासकारों का कहना है कि इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया था, मुगलों के शासनकाल में यह मंदिर प्रसिद्ध हुआ।

मध्यकालीन इतिहास

मध्यकाल के समय पटना शहर और इसके विभिन्न क्षेत्रों में कोई शासको का शासन था। मुगलों के शासन काल के समय पटना एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और राजनीतिक केंद्र हुआ करता था, स्थानीय लोगों के कहने के अनुसार यह मंदिर हजारों सालों से धार्मिक आस्था का केंद्र है। समय-समय पर इस Patan Devi Patna पटनदेवी मंदिर को विभिन्न शासको ने संरक्षण किया करते थे।

पटनदेवी मंदिर का भूगोल

बिहार राज्य की राजधानी पटना के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र में Patan Devi Patna पटनदेवी मंदिर स्थित है, यह मंदिर पटना शहर के महत्वपूर्ण क्षेत्रो के संपर्क में है। इस मंदिर तक पहुंचने में आपको कोई परेशानी भी नहीं होगी, पटना गंगा नदी के तट पर उपस्थित है, पटना का ऐतिहासिक और संस्कृततिक दोनों ही रूपो इस शहर का महत्वपूर्ण योगदान है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से मंदिर तक जाने का रास्ता बहुत ही सरल मार्ग है, पटना जंक्शन से पाटन देवी मंदिर का दूरी लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर उपस्थित है। पटना में स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अंडे से इस मंदिर की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है। पाटन देवी के चारों दिशाओं में एक घनी आबादी रहती है, इस मंदिर में जाने से मांको शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की सहानुभूति होती है।मंदिर के क्षेत्र के चारों दिशाओं में हरे भरे पेड़ पौधे और छोटे-छोटे तालाब उपस्थित हैं जो यहां के सुंदरता को और निखारते हैं।

पटनदेवी मंदिर की वास्तुकला

इस मंदिर Patan Devi Patna पटनदेवी मंदिर का निर्माण उत्तरी पारंपरिक भारतीय शैली द्बारा किया गया है, इस मंदिर में स्थानीय कला और शिल्प कौशल के मिश्रण से बना एक अनोखा दृश्य देखने को मिलता है। इस मंदिर के विशेष भाग को सफेद और लाल रंगों के पथरो से बनाया गया है जिससे यह मंदिर भव्य और अनोखा दिखाई देता है। इस मंदिर के गर्भगृह में मुख्य रूप से तीन देवियों महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती मूर्तियों की पूजा की जाती है। इस मंदिर में माता की प्रतिमा विशेष रूप से पूजा पाठ किया जाता है, मंदिर के गर्भगृह में बहुत ही सुंदर कलाकृतिया देखने को मिलती है, और इस मंदिर में देवी की पूजा परंपरागत तरीके से किया जाता है। पटन देवी मंदिर के द्वार पर अनोखी नकाशियां और सजावट किया गया है, जो मंदिर के सुंदरता को और निखारता है। मंदिर का भवन बहुत ही भव्य और विशाल है, इस मंदिर में हर दिन सैकड़ो श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। पर नवरात्र के समय माता की पूजा अर्चना बहुत ही भव्य और विशाल तरीके से की जाती है, जिसको देखना और पूजा मे स्मलित होने के लिए हजारों की संख्या मे बिहार और भारत के विभिन्न क्षेत्रों से लोग आते हैं।

पटनदेवी मंदिर की धार्मिक महत्ता

Patan Devi Patna पटनदेवी मंदिर की धार्मिक महत्व को बताते हुए हम कह सकते हैं, कि इस मंदिर की महानता बिहार तक ही नहीं बल्कि भारत में उपस्थित विभिन्न शक्तिपीठों के भक्तों के लिए आक्रमण का केंद्र है। नवरात्र का समय इस मंदिर में हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं। और यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि मां पाटन देवी उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं, इस मंदिर में स्थानीय लोगों का बहुत ही श्रद्धा मन से पूजा पठा करते है। नवरात्र का समय इस मंदिर में भव्य और विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, इसके कारण मेले में सम्मिलित होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। और दुर्गा पूजा, छठ, दीपावली और अन्य धार्मिक अवसर पर विशेष रूप से पूजा अर्चना, भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है।

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स्थानीय परंपराएँ और मान्यताएँ

इस मंदिर में विवाहित जोडे की पूजा अर्चना करने से उनका जीवन सुखमय हो जाता है, यहां के स्थानीय निवासी किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले, जैसे:- विवाह, संतान की प्राप्ति, गृह निर्माण और अन्य शुभ अवसर पर माता की पूजा की जाति है। मुख्य रूप से पटन देवी मंदिर के प्रसाद के रूप मे मिठाई, नारियल और फूल लेकर पूजा किया जाता है। मंदिर के परिसर में नियम अनुसार भजन कीर्तन किया जाता है।

पटनदेवी मंदिर और पटना का सांस्कृतिक प्रभाव

पटना जो इतिहास में पाटलिपुत्र के नाम से प्रसिद्ध हुआ, इसका धार्मिक और संअस्कृतिक इतिहास बहुत ही महत्वपूर्ण है। , यहां के क्षेत्र में स्थित विभिन्न मंदिर और कई धार्मिक स्थल होने के कारण भारत के इतिहास में उसका महत्वपूर्ण योगदान पाटन मंदिर के क्षेत्र में कई छोटे-बड़े मंदिर स्थापित की गई है, जो इस मंदिर के महानता को और दर्शाते हैं। इसके अलावा इस मंदिर के पास में ही एक बड़ा बाजार स्थित है।

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