Jai Prakash Narayan Biography ‘लोकनायक’ जयप्रकाश नारायण संघर्ष और बलिदान की Incredible गाथा 1931

Jai Prakash Narayan Biography

भारतीय इतिहास में जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है जय प्रकाश नारायण स्वतंत्रता सेनानी भी थे उन्होंने छात्रों के हक के लिए सरकार से लड़ाई लड़ी, जयप्रकाश नारायण का है बिहार के राजनीति में भी योगदान रहा है उन्होंने अपने जीवन में कई क्रांति किया थे आज हम जय प्रकाश नारायण के जीवन को विस्तार से समझेंगे।

का जीवन इतिहास

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) का महत्वपूर्ण भूमिका था एक महान नेता के साथ-साथ एक शक्तिशाली लोकतंत्र का समर्थन करते थे जयप्रकाश नारायण की सूचना और कार्य ने भारत की राजनीति में एक अलग पहचान बनाई जयप्रकाश नारायण के वजह से केंद्र में कांग्रेस की सरकार को सट्टा छोड़ना पड़ा और आगे आज हम जय प्रकाश नारायण की सोच और योगदान के बारे में जानेंगे।

जयप्रकाश नारायण का जीवन परिचय

बिहार के मशहूर क्रांतिकारी नेता जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) का जन्म 11 अक्टूबर 1902 ईo में बिहार राज्य के सिमुलिया क्षेत्र में हुआ उनके पूजनीय पिता का नाम नारायण प्रसाद था जयप्रकाश नारायण के पिता भी एक स्वतंत्रता सेनानी का हिस्सा थे जयप्रकाश नारायण के बचपन से पढ़ाई उनके निजी क्षेत्र में हुई कुछ वर्षों के बाद उनके दाखिला पटना के विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि मिला इसके बाद उनको लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स मैं नाम लिखिया जिसमें उन्होंने अर्थशास्त्र के बारे में जानकारी प्राप्त की।

जयप्रकाश नारायण का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास के बारे में बात हो और जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) का चर्चा ना हो यह हो ही नहीं सकता जयप्रकाश नारायण महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित हुए थे जय प्रकाश नारायण शांतिपूर्ण आंदोलन किया करते थे जय प्रकाश नारायण ने 1929 ईस्वी में गांधी जी के नेतृत्व के साथ साबरमती आश्रम में सविनय अवज्ञा आंदोलन में योगदान दिए और एक वर्ष के बाद दांडी यात्रा में भी योगदान था इसके बाद 1931 ईस्वी में अंग्रेजों की सरकार ने जय प्रकाश नारायण को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया जेल में उन्होंने राजनीति के बारे में और अधिक पढ़ाई की और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बारे में और अधिक गहराई से जाना, 1934 ईस्वी में जय प्रकाश नारायण जेल से बाहर आए और बाहर आते ही भारत के स्वतंत्र करने में लग गए।

राजनीतिक पहचान

जय प्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) समाजवादी पार्टी का गठन और स्थापना किया जिसके वह पहले अध्यक्ष भी बने समाजवादी पार्टी के साथ और अन्य पार्टियों का सहयोग किया था जयप्रकाश नारायण भारतीय जन संघ के साथ मिलकर एक संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी बनाया जय प्रकाश नारायण ने 1967 ईस्वी में लोकसभा का चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी में योगदान दिया।

संपूर्ण क्रांति आंदोलन में जय प्रकाश नारायण की योगदान

1970 ईस्वी के आसपास भारत के राजनीतिक स्थिति बहुत ही दैनिय थी उसे वक्त केंद्र में इंदिरा गांधी (कांग्रेस) का सरकार के लोकतंत्र के मूल्यों को मिटाने के मामले में जय प्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति आंदोलन की शुरुआत की, और लाखों युवाओं ने इस आंदोलन में बढ़-चढ कर हिस्सा लिया इस आंदोलन की वजह से देश भर में विरोध प्रदर्शन होने लगे जिसके कारण इंदिरा गांधी के सरकार को 1975 ईस्वी में आपातकालीन की घोषणा करनी पड़ी आपातकाल लगने के बाद जब प्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) को गिरफ्तार को जेल में डाल दिया गया आपातकालीन खत्म होने के बाद उनको जयप्रकाश नारायण को जेल से छोड़ दिया गया।

जय प्रकाश नारायण की मृत्यु

8 अक्टूबर 1979 ई० को जय प्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) की मृत्यु हुई भारत के मूल लोकतंत्र को और शक्तिशाली करने में जय प्रकाश नारायण की सोच और कार्य का महत्वपूर्ण योगदान था।

जयप्रकाश नारायण के कुछ अनसुनी बातें

  • संगीत का शॉक :– जयप्रकाश को संगीत सुनना और तबला बजाना बहुत ही पसंद था।
  • राजनीति का शौक :– जयप्रकाश नारायण को बचपन से राजनेता बनने का शौक था।
  • आम जीवन :– जयप्रकाश नारायण ने राजनीति में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिए लेकिन कोई सरकारी पद नहीं लिया।
  • जेल का जीवन :– भारत के स्वतंत्र होने से पहले और स्वतंत्र होने के बाद जयप्रकाश नारायण कई बार जेल में गए।
  • अकेला जीवन :– जयप्रकाश नारायण ने अधिकतर समय राजनीति में लगा देते थे जिससे वह अकेले रहने लगे और भौतिक सुखों से दूर रहने लगें।
  • लिखने के शौक :– जयप्रकाश नारायण को बचपन से लिखने का शौक था और बाद में उन्होंने कोई पुस्तक भी लिखी थी।
  • गांधी जी का समर्थन :– जयप्रकाश नारायण गांधी जी के विचारों का समर्थन करते थे और वह अहिंसा मार्ग को अपना लिए।
  • विदेश की यात्रा :– जयप्रकाश नारायण अपनी शिक्षा प्राप्त करने के लिए और राजनीतिक कार्यों के लिए कई बार विदेश में गए और हैं।

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