गुरु गोविंद सिंह Guru Gobind Singh Biography जीवन सत्य और धर्म की रक्षा करने वाले Amazing 10th Guru

गुरु गोविंद सिंह Guru Gobind Singh Biography

बिहार राज्य के राजधानी पटना में सिख के दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म है  सिख के दसवें गुरु के पटना में जन्म होने से पटना शहर सिख धर्म के विशेष स्थान में से एक है।

गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन परिचय

बिहार राज्य के पटना शहर में गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म लगभग 22 सितंबर सन 1666 ईo में हुआ और इनका मृत्यु 7 अक्टूबर सन 1708 ईo में हुआ उनके पिता जी का नाम गुरु तेग बहादुर जी था ये सिख धर्म के नौवें गुरु थे गुरु गोविंद सिंह जी का ज्यादा तर बचपन पटना में बीता, वे बाल्या अवस्था के समय कई शहरों की संस्कृति देखकर बहुत ही अचंभव हो गए थे।

गुरु गोविंद सिंह जी का शिक्षा और ध्यान

गुरु गोविंद सिंह जी का पढ़ाई ज्यादा तर पटना में ही हुआ था उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षको में हिंदू पंडित के साथ और कई शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाता था और इसी तरह कई धर्मगुरु और शिक्षकों से पढ़ने से सोचने की क्षमता बढ़ती चली गई।

गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन की घटनाएं

पटना में उस समय गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन में कई विशेष दुर्घटनाएं घटी थी जिसमें से कुछ विशेष घटनाओं को लिखा गया है
औरंगजेब जो मुगल शासक था उसके कहने पर गुरु गोविंद सिंह जी के पिता और सिख के नौवे गुरु को शहीद कर दिया गया

  • मुगल शासक औरंगजेब ने गुरु गोविंद सिंह के दो पुत्र और छोटे भाई की हत्या कर दी
    मुगलों से चमकौर युद्ध में गुरु गोविंद सिंह जी के दो बेटो ने बलिदान दिया था
    गुरु गोविंद सिंह जी के माता को किलों के दीवारों से गिरा दिया जिससे उनके शहीद हो गई,

खालसा पंथ की स्थापना

जब एक बार एक बार गुरु गोविंद सिंह जी महासभा कर रहे थे तो उसे सभा में सबके सामने महाराज जी ने कहां की कौन अपने सर का बलिदान देगा इस बात को सुनते ही सभा में से एक व्यक्ति खड़ा हुआ और महाराज जी उसे व्यक्ति को झोपडी के अंदर ले गए और कुछ देर बाद महाराज जी बाहर आए तो उनके हाथ में तलवार था जो खून से लगभग था। महाराज जी फिर यही सवाल सभा में जाकर दोबारा पूछते हैं कि अपने सर का बलिदान कौन देगा एक व्यक्ति खड़ा हुआ महाराज जी उस व्यक्ति को भी झोपड़ी में ले  गए और बाहर आए तो उनके हाथों के तलवार में लगा हुआ खून था ऐसे ही करते-करते जब पांचवा स्वयंसेवक झोपड़ी में गया तो महाराज जी अंदर ले जान के कुछ देर बाद जीवित सेवक के साथ बाहर निकले, महाराज जी ने उन्हें पंच प्यारे या खालसा नाम से संबोधित किया।

पटना में स्थित गुरुद्वारा

बिहार राज्य के पटना में गुरु गोविंद सिंह का जन्म स्थान चित्र में एक गुरुद्वारा का निर्माण कराया गया जिसका नाम साहिब गुरुद्वारा है यह गुरुद्वारा सिख धर्म के महत्वपूर्ण गुरुद्वारा में से एक है और इस गुरुद्वारे को सिख भाई तृतीयस्थल के रूप में देखते हैं इस गुरुद्वारे में हर साल हजारों लोग लाखों लोग दर्शन के लिए आया करते हैं।

पटना से गुरु गोविंद सिंह जी का संबंध

पटना से गुरु गोविंद सिंह जी का बहुत विशेष नाता है जिसको हम शब्दों में बया नहीं कर सकते सिख धर्म के इतिहास में पटना शहर का एक महत्वपूर्ण भूमिका रहा है गुरु गोविंद सिंह जी के विचारों के महिमा से पटना में रहने वाले लोगों पर देख सकते है।

सिख धर्म की शुरुआत

भारत देश में सिख धर्म का शुरुआत लगभग 14 वी से 15 वीं शताब्दी के बीच पंजाब मैं हुआ था इस माना जाता है कि धर्म की स्थापना गुरु नानक देव जी ने किया था गुरु नानक देव जी एक ऐसे धर्म की स्थापना करना चाहते थे जो हिंदू धर्म सिख धर्म और इस्लाम धर्म तीनों एक में सम्मिलित हो और जाति धर्म में बटे लोगों को एकजुट करने का उद्देश्य भी था क्योंकि उनकी नजरिया से इस धरती पर सभी मनुष्य समान है उन्होंने सिख धर्म को आगे बढ़ाया और आगे खालसा पद की स्थापना हुई।

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