Buddhism बौद्ध धर्म का इतिहास
बिहार बौद्ध धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बिहार वह भूमि है जहां पर स्वयं भगवान बुद्ध ने अपने जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा बिताया है और भगवान बुद्ध ने बिहार में अपने कई प्रवचन दिए थे। बौद्ध धर्म का बिहार में इतना गहरा नाता होने का कोई कारण है और वह कौन-कौन से कारण है इन सभी को आगे चर्चित करेंगे बिहार में बौद्ध धर्म का विकास कैसे हुआ और इसकी वर्तमान स्थिति क्या है इसका विस्तार से वर्णन करते हैं।
Table of Contents
बिहार बौद्ध धर्म का उद्गम स्थल
मगध साम्राज्य
बिहार में मगध साम्राज्य एक बड़ा साम्राज्य था जब भगवान बुद्ध जीवित थे तब मगध साम्राज्य उस समय बिहार में एक शक्तिशाली साम्राज्य हुआ करता था। मगध साम्राज्य के समय में बौद्ध धर्म का विकास राजा बिंबिसार और आजाद शत्रु जैसे शासकों ने किया था और इस धर्म के प्रचार तथा प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थे। इस साम्राज्य का उल्लेख दो महाकाव्यो रामायण और महाभारत में किया गया है।
बौद्ध धर्म का उदय
बौद्ध धर्म का उदय भगवान बुद्ध के द्वारा किया गया है और भगवान बुद्ध ने बिहार राज्य के गया जिले में स्थित बोधगया में बोधिसत्व की प्रति किए थे भगवान बुद्ध ने बोधगया में एक पीपल के पेड़ के नीचे ध्यान लगाकर अपनी ज्ञान की प्राप्ति की थी और शायद तभी से धीरे-धीरे करके बौद्ध धर्म का उदय होना शुरू हुआ।
प्रथम बौद्ध संगीति
भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद, प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन राजगृह (बिहार) में किया गया था। इस संगीति में बुद्ध के उपदेशों को संकलित किया गया था। बिहार में बौद्ध धर्म का विकास विकास के बारे मैं बतलाया गया था। महायान और हीनयान संप्रदायों का विकास बिहार से ही हुआ है महायान और हीनयान दो प्रमुख बौद्ध संप्रदाय विकसित हुए थे।
विक्रमशिला विश्वविद्यालय
विक्रमशिला एक विश्वविद्यालय है जो बिहार में इस है इस विद्यालय में बहुत धर्म के शिक्षा दी जाती थी यह विश्वविद्यालय बौद्ध शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र हुआ करता था इस विश्वविद्यालय में तंत्र और मंत्र सिद्धांतों का अध्ययन कर आया जाता था और इस विश्वविद्यालय से कई विद्वानों ने शिक्षा प्राप्त की थी।
नालंदा विश्वविद्यालय
यह विश्वविद्यालय बिहार में स्थित है यह विश्वविद्यालय केवल भारत का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का सबसे बड़ा विद्यालय था और इस विश्वविद्यालय में बहुत बड़े-बड़े विद्वानों ने शिक्षा प्राप्त की है इस विश्वविद्यालय में दूसरे देश से विद्वान पढ़ाई करने के लिए आते थे और यहां से शिक्षा प्राप्त करके अपने देश चले जाते थे। यह विश्वविद्यालय भी बौद्ध शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र था और बौद्ध शिक्षा प्राप्त करने के लिए दुनिया भर से विद्वान अध्ययन करने के लिए आते थे।
बिहार में बौद्ध धर्म की वर्तमान स्थिति
बौद्ध तीर्थस्थल, बौद्ध मंदिर और बौद्ध समुदाय
बिहार में आज के समय में कई बौद्ध तीर्थस्थल स्थित है जिसमें से कुछ तीर्थस्थल प्रमुख है जैसे बोधगया, राजगृह, नालंदा, विक्रमशिला और इत्यादि तीर्थस्थल स्थित है बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग इन सभी तीर्थस्थल पर आते है और भारत से ही नहीं बल्कि विदेश से भी बहुत लोग आते हैं और इन सभी जगह पर भ्रमण करते हैं। बिहार में बौद्ध मंदिर की बात करें तो यहां पर कई बौद्ध मंदिर स्थित है जिसमें से कुछ मंदिर प्रमुख है और यह मंदिर बौद्ध धर्म के प्रचार और प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। और बौद्ध धर्म को मानने वाले अपने जिंदगी में कम से कम एक बार ही सही लेकिन बौद्ध मंदिर में आकर दर्शन कर ही लेते हैं। बिहार में बहुत समुदाय की बात करें तो बिहार में एक बड़ा बहुत समुदाय निवास करता है और ये सभी लोग बौद्ध धर्म के मूल्यों और सिद्धांतो को मानते हैं।
बिहार में बौद्ध धर्म के सामने चुनौतियाँ
बिहार में बौद्ध धर्म का क्षय: भी हुआ है बिहार में मध्यकाल में मुस्लिम आक्रमण के कारण बौद्ध धर्म का क्षय हुआ है।
बौद्ध धर्म पर अन्य धर्म का प्रभाव भी पड़ा है जिसमें हिंदू धर्म और इस्लाम धर्म से ज्यादा प्रभाव पड़ा है और बौद्ध धर्म वाले कुछ कमजोर पड़ गए आधुनिकीकरण के कारण बौद्ध धर्म की परंपराओं और रीति-रिवाजों में परिवर्तन आया है।
बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र बिहार रहा है और यह हमेशा रहेगा बिहार की धरती पर भगवान बुद्ध ने अपने जीवन का एक बड़ा समय गुजारा है उन्होंने बिहार में अपने कई प्रवचन दिए हैं और इन्हीं के कारण बिहार में बौद्ध धर्म का इतना गहरा नाता हुआ था।
Buddhism बौद्ध धर्म का इतिहास Aapko Kaisa laga ?
Related to May You Know :
Welcome to The Gateway of Bihar
History of Bihar in Hindi बिहार का इतिहास