Diwali Hinduism Festival
दिवाली (Diwali Hinduism Festival) हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है दिवाली को रोशनी का त्यौहार भी बोला जाता है जो अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का एक प्रतीक है यह त्यौहार खासकर भारत देश में मनाया जाता है हर साल यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है यह त्यौहार ना तो केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह संस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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इतिहास और पौराणिक कथा
दिवाली (Diwali Hinduism Festival)का त्यौहार भारत की विभिन्न पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है यह भारत के इतिहास से चलते आ रहा है दिवाली को भगवान राम के अयोध्या से लौटने की खुशी में मनाया जाता है राम जी ने जब रावण का वध किया था उसके बाद अयोध्या लौटे तो अयोध्या वासियों ने पूरे अयोध्या को और अपने घर को दीपू से रोशन कर दिया था और उसी दिन से इस पर्व को मनाया जाता है। यह एक और भी महत्वपूर्ण कथा देवी लक्ष्मी से जुड़ी हुई है माना जाता है कि देवी लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी है यह अपने भक्तों पर कृपा बरसाने के लिए धरती पर आती है और बहुत लोग इस अवसर पर अपने घरों के हिसाब सफाई कर देते हैं और घरों को सजा देते हैं और दिवाली के दिन लक्ष्मी माता और गणेश जी की पूजा की जाती है।
दिवाली का महत्त्व
दिवाली (Diwali Hinduism Festival) का महत्व निम्नलिखित प्रकार से है जो इस लेख में आगे उपस्थित है :
धार्मिक महत्त्व : पूरे भारत में दिवाली के दिन विभिन्न धर्म के लोग अपने अपने रीति-रिवाज के अनुसार अपना कार्यक्रम करते हैं भारत में सभी लोग अपने-अपने दुकान, घर, गाड़ी और भी इत्यादि की पूजा करते है। हिन्दू धर्म में लक्ष्मी पूजन, गणेश पूजा और भाई दूज का विशेष महत्त्व होता है।
सांस्कृतिक महत्त्व : पूरे भारत भर में दिवाली का सांस्कृतिक महत्व अभी भी काम नहीं है दिवाली में लोग अपने घर को सजाते हैं और रात में दीप जलाकर पूरे घर में रोशनी कर देते हैं और आपस में मिठाइयां बांटते हैं और दिवाली के शुभ अवसर पर पटाखा भी जलते हैं और एक दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं देते हैं यह त्यौहार ना तो केवल खुशियां लाता है बल्कि इस त्यौहार पर अलग-अलग लोगों को दिवाली मनाने के के तरीकों में विविधता भी देखने को मिलती है।
आर्थिक महत्त्व : दिवाली का आर्थिक महत्व पूरे भारत में है दिवाली के दौरान बाजारों में, सड़क पर और अन्य जगहों पर चहल-पहल बढ़ जाती है लोग इस त्यौहार पर अपने घर आते हैं नए कपड़े खरीदने हैं और अपने घर को सजाने के लिए अलग-अलग प्रकार की सामान खरीदते हैं और इस त्यौहार में मिठाइयां भी खरीदी जाती है जिससे व्यापार में बढ़ोतरी होती है जो की आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
दिवाली की तैयारियाँ : दिवाली की तैयारी बहुत पहले से ही शुरू कर दी जाती है क्योंकि पूरे घर का साफ सफाई करना होता है उसके बाद घर को पेंट करना होता है और हर के साथ-साथ अपने दुकान की भी सफाई करनी होती है दिवाली के दिन रंगोली बनाया जाता है। गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है जिसके लिए सामान्य इकट्ठा करना आवश्यक रहता है।
घर की सजावट
दिवाली(Diwali Hinduism Festival) में घर के सजावट के लिए लोग अलग-अलग प्रकार की लाइट, दीपक, बल्ब और मोमबत्ती यह का उपयोग करते हैं अपने घर के बाहर रंगोली बनाते हैं और यह रंगोली अपने घर के दरवाजे पर बनाई जाती है जो दिखने में काफी अच्छी लगती है और इन सभी से लक्ष्मी मां का स्वागत किया जाता है।
पटाखों की खरीदारी
दिवाली (Diwali Hinduism Festival) में पटाखे की खरीदारी बढ़ जाती है पटाखे दिवाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है लोग अपने परिवार वालों के साथ मिलकर पटाखे की खरीदारी करते हैं और रात में इस पटाखे को एक साथ मिलकर जलते हैं और खुशियां मनाते हैं
सबसे ज्यादा घर के बच्चे खुश होते हैं और पटाखे को जलते हैं और दूसरे बच्चे को दिखाते हैं।
पूजा का आयोजन
दिवाली (Diwali Hinduism Festival) के दिन हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है यह पूजा विशेष मंत्रों के जाप के साथ किया जाता है और भगवान से प्रार्थना किया जाता है की मेरे घर परिवार के लिए प्रार्थना किया जाता है घर के लोग सही सलामत रहे स्वस्थ रहें और घर में सुख शांति रहे। पूजा के बाद रात में लोग अपने घर मैं और अपने छत पर दीप जलते हैं और यह अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है दिवाली के दिन ही बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी।
Dosto Aap Diwali Hinduism Festival Kaise celebrate karte ho comment section me jrur btaiye ?
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