Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय
Table of Contents
नालंदा विश्वविद्यालय: एक ऐतिहासिक विरासत
भारत के बिहार राज्य में Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय स्थित है यह प्राचीन विश्वविद्यालय मे से एक है यह विश्वविधालय मे भारत का ही नहीं पूरे विश्व के शिक्षा का केंद्र हुआ करता था। इस विश्वविद्यालय मे शिक्षा की प्राप्ति के लिए पूरे विश्व से लोग आया करते थे। और यह विश्वविधालय महान विद्वानों के आकर्षण का केंद्र बना रहा।
नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास
Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर कोई कोई सटीक समय मालूम नहीं है लेकिन कई इतिहासकारों का कहना है की इस की विश्वविद्यालय की स्थापना चौथी या पांचवीं शताब्दी के बीच स्थापना हुआ होगा, यह विश्वविद्यालय गुप्त साम्राज्य के राजकुमार कुमार गुप्त द्वारा स्थापित किया गया था। और यह विश्वविद्यालय कोई सालों और 10 को तक अपना वर्चस्व बना कर रखा था। Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय के विकास में भारत के कोई शासको का महत्वपूर्ण भूमिका था। विशेष रूप से इस विश्वविद्यालय के विकास में पाल शासको का महत्वपूर्ण योगदान था। पाल समाज के कई शासक धर्मपाल,गोपाल और देवपल के समय इस विश्वविधालय का बहुत तेजी से विकास हुआ, नालंदा विश्वविद्यालय मे अलग अलग भाषाओ और विषयो के बारे मे अध्ययन किया जाता था। इस विश्वविधालय मे हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, व्याकरण, विज्ञान, गणित, वस्तुकला, चिकित्सा, खगोलशास्त्र, भाषाविज्ञान, ज्योतिसी, मनोविज्ञान, कानून, अर्थशास्त्र, तंत्र विद्या और अन्य विषयो के बारे मे पठाया जाता था। इस विश्वविधालय मे कई विद्वानो ने शिक्षा ग्रहण किया और शिक्षा ग्रहण करने के बाद अपने विभिन्न क्षेत्रो मे शिक्षा का प्राचार किया। और इस विश्वविद्यालय मे कई विद्वानो ने पठाया, जिनमे नागार्जुन, आर्यभट्ट, धर्मकीर्ति, बोधिसत्व वसुबंधु, दीननाग, शांतिदेव और आर्यदेव सम्मलित थे। इस विश्वविधालय मे “धर्म गुंज” नामक पुस्तकाल्य हुआ करता था जिसका अर्थ होता है “सत्य का पर्वत” यह पुस्तकाल्य 9 मंजिला था, इस पुस्तकालय मे लगभग 90 लाख किताबे थी,जिसे तीन भागो मे विभाजित था। रत्नरंजक, रत्नोदधि, रत्नसागर, इस विश्वविद्यालय मे लगभग 300 कमरे 7 बड़े और विशाल कक्ष थे, इस विश्वविद्यालय मे लगभग 2000 शिक्षक और 10000 छात्र पठा करते थे। इस विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए भारत से ही नहीं बल्कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, ईरान, ग्रीस, मंगोलिया और अन्य देशो से भी लोग आते थे। लेकिन 12वी शताब्दी में मुगलों के शासक बख्तियार खिलजी ने इस विश्वविद्यालय को नष्ट करने के लिए इसमें आज लगा दिया जो 9 महीने तक जलती रही और यह विश्वविद्यालय आशिकक रूप से नष्ट होकर एक खंडहर में तब्दील हो गया।
नालंदा विश्वविद्यालय का भूगोल
बिहार राज्य के राजकीय जिले में भारत के इतिहास का एक विश्वविद्यालय Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय स्थित है। जोकि 30 एकड़ मे फैला हुआ था। पटना से 80 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, यह विश्वविद्यालय एक पहाड़ी के किनारे स्थित था इस पहाड़ी को गिरी वृद्ध के नाम से जाना जाता था। जिसका अर्थ “बुजुर्ग पहाड़ी” होता है, नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना इसी पहाड़ी के नाम पर किया गया था।
नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर आज भी राजगीर जिले में स्थित है, और आज यह एक ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलो में से एक है। इस विश्वविद्यालय के खंडहर में आज भी कोई स्थान देखेंजा सकते हैं, जिसमें हिंदू मंदिर, स्तूप शिक्षा भवन, छात्र निवास जैसे और अन्य स्थान सम्मिलित है। इस विश्वविद्यालय के खंडहरों से भारत की प्राचीन गौरव और ज्ञान का पता चलता है।
वर्तमान का विकसित नालंदा विश्वविद्यालय
भारत के बिहार राज्य मे स्थित Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय का न्यु कैंपस का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया है, इस कैंपस को बनेने में कुल लागत 1 हजार 750 करोड़ रुपये है, जो की 455 एकड़ में फैला हुआ है। छात्रों को पढ़ने के लिए 40 क्लासरूम स्थित है, और लगभग 1900 छात्रों के बैठने की व्यवस्था किया गया है। और इस विश्वविद्यालय में एक विशाल ऑडिटोरियम स्थित है जिसमें 300 लोगों की बैठने की व्यवस्था किया गया है। वर्तमान समय में 26 देशो के स्टूडेंट इस विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयो पर कोर्स कर रहे हैं, यह विश्वविद्यालय कुछ इस तरह बनाया गया है कि ठंड के दिन में गर्म और गर्म के दिन में ठंडा रखता है।
नालंदा विश्वविद्यालय के निष्कर्ष
भारत के इतिहास और प्राचीन शिक्षा मे Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण, योगदान है यह विश्वविद्यालय विश्व के विद्वानों का केंद्र हुआ करता था। भैया विश्वविद्यालय भारत के इतिहास में कोई वर्षो और दसको तक प्रसिद्ध था। लेकिन 12वीं शताब्दी में मुगल शासक बख्तियार खिलजी इस विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया, लेकिन नालंदा विश्वविद्यालय की खंडहर आज भी नालंदा जिले में स्थित है, जो की प्राचीन भारत की विशाल ज्ञान से आपको परिचय कराता है।
Dosto aap Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय se related aapna opinion comment section me jrur share kre.
Related to May You Know :
Welcome to The Gateway of Bihar
Maa Tarachandi Dham शक्तिपीठ मां ताराचंडी धाम
1 thought on “Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय विश्व के पहले 1st विश्वविद्यालय का Amazing History”