Patna Ka Golghar
गोलघर (Patna Ka Golghar) बिहार राज्य के पटना जिला में स्थित है जो पटना का एक अनमोल धरोहर है यह पटना का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और संस्कृति स्थल है यह संरचना ना तो केवल वास्तुकला का उदाहरण है बल्कि यह बिहार का समृद्ध संस्कृतिक का भी प्रतीक है गोलघर एक पर्यटन स्थल बन चुका है जहां पर बहुत लोग घूमने के लिए जाते हैं गोलघर का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था इस घर का निर्माण अनाज भंडारण के लिए किया गया था जो आज के समय में पटना का प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है।
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निर्माण का इतिहास
गोलघर का निर्माण 1786 में हुआ था गोलघर का निर्माण ब्रिटिश गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स के आदेश के अनुसार इस घर का निर्माण किया गया था इसका निर्माण मुख्य रूप से अनाज भंडारण हेतु किया गया था खासकर जब बिहार में भयंकर अकाल पड़ा था और इस समय इस घर का नाम गोलघर पड़ गया था क्योंकि यह घर देखने में गोलाकर है।
गोलघर का निर्माण शेरवुड और कुक के द्वारा किया गया था। इस घर को अंडाकार आकार में बनाया गया है इसकी दीवारें अन्य दीवारों की तुलना में अत्यंत मजबूत और मोटी हैं, जिससे यह अनाज भंडारण के लिए एक सुरक्षित स्थान बन सके।
गोलघर की वास्तुकला
गोलघर (Patna Ka Golghar) दिखने में गोलाकार लगता है इस घर की ऊंचाई लगभग 29 मीटर है और इसका व्यास लगभग 125 मीटर है इस घर की दीवारें काफी ज्यादा मोटी है जिसकी मोटी 3.6 मीटर लगभग है जो इस घर को एक बहुत मजबूत संरचना बनती है गोलघर की छत सपाट है और इस घर की डिजाइन में कोई भी खिड़कियां नहीं है ताकि अनाज सुरक्षित रह सके इस घर के भीतरी संरचना में एक बहुत बड़ा गोदाम है इसी गोदाम में अनाज को संग्रहित किया जाता था इसकी दीवारों पर अद्भुत नक्काशी और शिल्पकला आज भी देखने के लिए मिलती है जो कि उस समय की उसे समय का वास्तुकला का बहुत बेहतरीन उदाहरण है।
गोलघर का उद्देश्य
गोलघर (Patna Ka Golghar) को बनाने का उद्देश्य एक ही था जिसका मुख्य उद्देश्य अनाज भंडारण करना था खासकर जब बिहार में अकाल पड़ा था लेकिन इस घर का उपयोग कभी भी पूरी तरह से नहीं हो पाया इस घर के निर्माण के समय में एक योजना बनाई गई थी कि इस खाद्य संकट के समय अनाज के भंडारण के लिए इसका उपयोग किया जाएगा लेकिन बीच में कुछ कारण आ गए जिससे यह योजना सफल नहीं हो पाई लेकिन इसका एक बहुत महत्वपूर्ण उद्देश्य था कि यह एक सांकेतिक स्थल के रूप में कम करें जहां से लोग प्राकृतिक आपदाओं के दौरान एक सुरक्षित स्थान पर जा सके इस घर के निर्माण के समय भी डिजाइन किया गया था जो आज के समय में एक पर्यटन स्थल बन चुकी है और इस घर में अब कोई भी अनाज भंडारण नहीं होता है।
गोलघर का ऐतिहासिक महत्व
यह केवल एक भंडारण स्थल ही नहीं है बल्कि यह एक ऐतिहासिक स्थल भी है जहां पर अनेक ऐतिहासिक घटनाएं घटी हुई है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, गोलघर (Patna Ka Golghar) ने कई संघर्षों को देखा है और कई स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक प्रेरणा स्थल भी रह चुका है। गोलघर भारत की इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है यहां पर समय-समय पर विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक कार्यक्रम और मिले भी आयोजित किए जाते हैं जिससे यह अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
पटना का पर्यटन स्थल
पटना के प्रमुख पर्यटन स्थल में से गोलघर (Patna Ka Golghar) एक पर्यटन स्थल है हर साल पटना में लाखों पर्यटक स्थल आते हैं और उसमें से कुछ लोग गोलघर घूमने चले जाते हैं और यहां पर आने वाले लोग इसकी ऐतिहासिक वास्तुकला और अद्भुत दृश्य का आनंद लेते हैं। गोलघर के ऊपर चढ़ने पर पटना का शहर और गंगा नदी का दृश्य बहुत ही शानदार दिखाई देती है। यहां पर पर्यटक पिकनिक मनाने के लिए, फोटोग्राफी करने के लिए, घूमने के लिए और शांत वातावरण का आनंद लेने के लिए आते हैं इस घर के आस-पास कई पार्क और अनेक खुले स्थान है जहां पर लोग अपना समय बिताते हैं और आनंद भी लेते हैं।
गोलघर का सांस्कृतिक महत्व
गोलघर (Patna Ka Golghar) न तो केवल एक ऐतिहासिक संरचना है बल्कि यह बिहार की संस्कृतिक का पहचान भी बन चुका है जहां पर विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रोग्राम, नृत्य और इत्यादि कार्यक्रम किए जाते हैं यह स्थल एक स्थानीय कलाकारों के लिए प्रदर्शन का मंच भी है।
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